क्या आप डायबिटीज, Weight Gain और Joint pain की Problem से परेशान है?
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जोड़ों के दर्द के कारण और लक्षण

जोड़ों का दर्द किन कारणों से होता है?
- चोट लगना- जोड़ों का दर्द होना का प्रमुख कारण चोट लगना है। ऐसा अंदरूनी चोट लगने पर ही होता है।
- अर्थराइटिस (गठिया) से पीड़ित होना – जोड़ों का दर्द होने की संभावना मुख्य रूप से अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में रहती है।
- मोच आना- कभी-कभी मोच आने से भी जोड़ों का दर्द हो सकता है।
- जोड़ों के बीच का ग्रीस या तरल पदार्थ का खत्म होना- जोड़ों का दर्द ऐसे लोगों को भी हो सकता है, जिनके जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है।
जोडों के बीच का ग्रीस का मुख्य काम जोड़ों की कार्य क्षमता को बनाए रखना लेकिन जब ये समाप्त हो जाता है, तो यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनता है। - यूरिक एसिड का बढ़ना – यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है (खासकर कमर, गर्दन, घुटने आदि में) इसी से बाद में गाउट, गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां हो जाती हैं।
- मांसपेशियों में खिंचाव – खिंचाव किसी भी मांसपेशी में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह निचली पीठ, गर्दन, कंधे और हैमस्ट्रिंग में सबसे सामान्य है।
- डायबिटीज (शुगर) – शरीर में इंसुलिन का संतुलन बिगड़ने से डायबिटीज की आशंका हो सकती है। इसमें मसल्स पेन भी होने लगता है।
- ज्यादा वजन का होना – शरीर का अतिरिक्त वजन बढ़ने और तनाव से घुटनों के जॉइंट पर असर पड़ता है और उनका घिसना या उनमें खराबी आना शुुरू हो जाती है।
जोड़ों का दर्द के लक्षण क्या हैं?
जोड़ों का दर्द की शुरूआत सामान्य दर्द से होती है, इसलिए कुछ लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाते हैं। इसकी वजह से कुछ समय बाद जब जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है।
- चलने में परेशानी होना- ऐसी स्थिति में इससे पीड़ित लोगों को उठने-बैठने में भी परेशानी होती है।
- जोड़ों में सूजन होना- जोड़ों का दर्द का अन्य लक्षण जोड़ों में सूजन होना या आना है। ऐसी स्थिति में मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है।
- जोड़ों में नरमी होना- यदि किसी व्यक्ति को जोड़ों में नरमी महसूस होती है, यह जोड़ों का दर्द का संकेत हो सकता है।
- जोड़ों में अकड़न महसूस होना- कुछ लोगों को अपने जोड़ों में अकड़न महसूस होती है। यह जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है।
- जोड़ों में लालपन होना- अचानक से जोड़ों में लालपन होना भी जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है।
डायबिटीज के कारण और लक्षण

डायबिटीज के कारण क्या हैं?
जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं-
- इंसुलिन की कमी
- परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना
- बढ़ती उम्र
- हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
- एक्सरसाइज ना करने की आदत
- हार्मोन्स का असंतुलन
- हाई ब्लड प्रेशर
- खान-पान की ग़लत आदतें
- मीठा
- डिप्रेशन
डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं?
पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर के अनुसार उसमें डायबिटीज़ के लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में अगर व्यक्ति प्री डायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज का से पीड़ित हो तो, समस्या की शुरूआत में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन, टाइप-1 डायबिटीज के मरीज़ों में डायबिटीज़ लक्षण बहुत तेजी से प्रकट होते हैं और ये काफी गंभीर भी होते हैं। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण ये हैं-
1.) बार-बार प्यास लगना।
2.) भूख का बढ़ना।
3.) अचानक वजन का बढ़ना या घट जाना।
4.) थकान और कमजोरी महसूस होना।
5.) घाव का जल्दी ना भरना।
6.) फोड़े-फुंसी निकलना।
7.) आंखों की दृष्टि धुंधली होना।
8.) दंत रोग।
9.) हाथ पैर में झुनझुनी या सुन्न हो जाना।
10.) पैरों व घुटनों में दर्द।
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Weight-Gain & Male-Health
वजन क्यों नहीं बढ़ता?
दरअसल वजन ‘नहीं’ बढ़ पाने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें मुख्य हैं- हमारा गलत-खान, बिगड़ी लाइफ स्टाइल, पोष्टिक आहार की कमी और पाचन शक्ति का कमजोर होना। इन सभी चीजों को अगर सुधार लिया जाये, तो घरेलू नुस्खों और स्वास्थ्य वर्धक दवाओं से वजन को बढ़ाया जा सकता है।
वजन बढ़ाना क्यों जरूरी है?
अगर आप दुबले-पतले हैं, तो आप स्वयं ही भलि-भांति जानते होंगे कि वजन बढ़ाना क्यों जरूरी है। लेकिन फिर भी वजन बढ़ाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि कमजोर शरीर के कारण आपकी व्यक्तिगत पर्सनेलिटी को तो बेकार लगती ही है, साथ ही आपकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे आपको छोटे-मोटे रोग जल्दी अपना शिकार बना लेते हैं, हर वक्त शरीर में थकान, आलस और कमजोरी महसूस होती है, भारी-भरकम काम या अधिक मेहनत वाला काम आप आसानी से नहीं कर पाते। बीच में ही अधूरा छोड़ना पड़ जाता है। इसलिए स्वास्थ्य की दृष्टि और खूबसूरत दिखने की दृष्टि से वजन बढ़ाना जरूरी हो जाता है।
वजन बढ़ाने के आयुर्वेदिक इलाज ही क्यों?
इसका सटीक जवाब यही है कि आयुर्वेद प्राचीन समय से रोगों का सफल इलाज करता आ रहा है और करता रहेगा। दूसरा आयुर्वेद, रोग की जड़ पर काम करता है, रोग का स्थायी इलाज करता है। आयुर्वेद द्वारा रोग के इलाज में थोड़ा विलम्ब जरूर होता है, लेकिन रोग का समाधान पूरा स्थायी होता है। कोई भी रोग आयुर्वेदिक इलाज द्वारा ठीक होने पर दोबारा नहीं होता।

Eldora AYURVEDA
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