जीवन के किसी भी मोड़ पे पीठ दर्द और जोड़ो के दर्द का इलाज हो सकता है?
बढ़ती उम्र या किसी बीमारी की वजह से आई थकान या किसी पुरानी चोट के वजह से joint pain हो सकता है जैसे shoulder joint pain, knee joint pain, hand joint pain, leg joint pain आदि हो सकता है ।
जोड़ो का दर्द ( Joint pain ) होने के कई कारण हो सकते है – जैसे गठिया रोग, विटामिन की कमी, कैल्शियम की कमी, शारिरिक कमजोरी आदि ।
जोड़ो का दर्द ज्यादा चलने पर, ज्यादा देर खड़े होने पर, ज्यादा हिलने या दौड़ने से, सोते समय घुटनों में महसूस होता है । चलते चलते बीच में घुटना लॉक हो जाता है । या मोड़ आ जाती है । सूजन और घुटनों पीछे दर्द होने से कठिनाइयां होती हैं । भारतीय शौचालय में बैठने में परेशानी होती है । त्वचा में रूखापन आता है । बैठने में परेशानी होती है । चौकड़ी मारकर बैठने में अकड़न आ जाती है । ज्यादा देर एसी में बैठने पर भी चलने में कठिनाई होती हैं ।
Ayurveda Expert - Manisha (Call : 90411-98521)
Ayurveda Expert - Manisha (Call : 90411-98521)
मोटापा – शरीर में दो अलग-अलग हड्डियों के जुड़ाव को हम जोड़ (ज्वॉन्ट) कहते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि शरीर का बढ़ता वजन हमारे जोड़ों के लिए नुकसानदायक है…
धूम्रपान या तंबाकू – सिगरेट या तंबाकू में मौजूद निकोटिन जोड़ और हड्डियों तक पहुंचने वाले ब्लड फ्लो को बाधित करता है. इससे हड्डियों को पर्याप्त कैल्शियम भी नहीं मिलता है.
सिर की पोजिशन – फोन का इस्तेमाल करते वक्त हमारी गर्दन और कंधे जिस पोजिशन में चले जाते हैं, वो सही नहीं है. इस पोजिशन में अगर आपकी चिन छाती से टच हो रही है तो समझ लीजिए आपकी गर्दन पर एक नहीं बल्कि 5 गर्दनों का भार है.
उंगलियां चटकाना – अपने आस-पास आपने कई लोगों को उंगलियां चटकाने पर टोकते देखा होगा. एक स्टडी के मुताबिक, उंगलियां चटकाने से हाथ का पंजा कमजोर होता है
पेट के बल सोना – बिस्तर पर पेट के बल यानी उल्टा सोने से आपको खर्राटों से तो राहत मिल सकती है, लेकिन ये आपके सिर को पीछे की तरफ धकेलता है. रीढ़ की हड्डी पर भी इसका बुरा असर होता है
बॉडी स्ट्रेच न करना – मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से बॉडी की फ्लेक्सिब्लिटी अच्छी रहती है. ऐसे में इंजरी और ज्वॉइंट पेन होने का खतरा भी कम हो जाता है.